IVAD 2019

इंटरनेशनल वल्चर अवेयरनेस डे पर विद्यार्थियों को किया जागरूक :

गिद्धों की घटती आबादी और इनके संरक्षण की आवश्यकता पर आज "इंटरनेशनल वल्चर अवेयरनेस डे" के उपलक्ष में गेपरनाथ में जागरूकता कैम्प आयोजित किया गया ! इस अवसर पर स्टूडेंट्स ने गिद्धों को उनके प्राकृतिक आवास में देखा !

सोसाइटी फॉर कंज़र्वेशन ऑफ़ हिस्टोरिकल एंड इकोलॉजिकल रिसोर्सेज की ओर से डॉ. किरन चौधरी ने एलजेब्रा संस्था के विज्ञान के विद्यार्थियों को कोटा में पायी जाने वाली गिद्धों की प्रजातियों और इनके अस्तित्व पर मंडरा रहे संकट से अवगत कराया और इनके संरक्षण की आवश्यकता एवं हमारी भूमिका पर प्रकाश डाला !

संस्था के धीरज भरद्वाज ने विद्यार्थियों को क्षेत्र में पाए जाने वाले पेड़-पौधों और पक्षी प्रजातियों की जानकारी दी !

मुकन्दरा हिल्स टाइगर रिज़र्व के उपवन संरक्षक डॉ. टी. मोहनराज ने बताया की कोटा में चम्बल घाटी गिद्धों के लिए मुफ़ीद जगह है और मुकन्दरा क्षेत्र में इनकी संख्या में बढ़ोतरी यहाँ के संतुलित इकोसिस्टम को दर्शाता है !

कोटा में गिद्धों की स्थिति :

कोटा में दक्षिण-पूर्वी एशिया की लॉन्ग-बिल्ड वल्चर की सबसे बड़ी कॉलोनी है जिसका कारण यहाँ भोजन और पानी की पर्याप्त उपलब्धता है ! कोटा में गिद्धों की सात प्रजातियां पायी जाती है, जिनमे किंग वल्चर, लॉन्ग बिल्ड वल्चर, वाइट रम्पड वल्चर और इजिप्सिअन वल्चर स्थानीय प्रजाति के रूप में, हिमालयन ग्रिफ़ोन, युरेशियन ग्रिफ़ोन और सिनेरियस वल्चर प्रवासी प्रजाती है !

पिछले कुछ वर्षों में कोटा में गिद्धों की संख्या कुछ जगह बढ़ी है और कुछ स्थानों पर काम हुई है, ऐसा क्यों और किन कारणों से हुआ ये शोध का विषय है !